पौधशाला (Plant Nursery) उस स्थान अथवा उस क्षेत्र को कहते हैं, जहां पर अंतिम स्थाई रोपण से पूर्व पौधों को तैयार किया जाता है। पौधशाला में क्यारियाँ बनाई जाती है, जिसमें बीज बोने व प्रतिरोपण के लिए रास्ते नालिया सेडनेट आदि होती है। सामान्यतया कृषि वानिकी के लिए पौध नर्सरी में तैयार की जाती है। इसलिए कृषि वानिकी के लिए Plant Nursery (पौधशाला) अत्यंत महत्वपूर्ण है, पौधशाला प्रबंधन के लिए व्यक्ति में कृषि एवं बागवानी की तकनीकी गुणों की जानकारी होनी चाहिए, साथ में पौधों एवं प्रकृति के प्रति प्रेम होना चाहिए। पौधशाला के अंतर्गत बीजों, कलमों, टिशु कल्चर एवं अन्य विधियों से पौधों को अंकुरित किया जाता है एवं रोपण लायक तैयार होने तक पौधे को विकसित किया जाता है।

पौधषाला ( Plant Nursery) का उद्देष्य

टिशु कल्चर तकनिक

किसान मित्रों टिशु कल्चर एक ऐसी तकनिक या विधि है। जिसमें किसी भी प्रकार के पादप, ऊतक जैसे:- तना, पुष्प, पत्ति या जड़ आदि को निर्जर्मित परिस्थितियों में पोषक माध्यम पर उगाया जाता है। यह विधिपूर्ण शक्तता के सिद्धांत पर आधारित है। इस सिद्धांत के अनुसार पौधों के प्रत्येक कोषिका एक पूर्ण पौधे या पेड़ का निर्माण करने में सक्षम हैं।

किसान मित्रों आपने टिषू कल्चर के बारे में तो सुना होगा, लेकिन दरअसल यह क्या है। इसके बारे में शायद हर किसान या बागवान नहीं जानता होगा। आज हम आपको टिषू कल्चर तकनिक के बारे में बताने जा रहे हैं आपको बता दें कि यह तकनिक अपनाकर आाप अपने उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। और साथ में अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार लाकर अच्छा मुनाफा कमाा सकते हैं।

टिशुू कल्चर खेती के फायदे

-हमारा लक्ष्य किसानों को समृद्ध बनाना-