
किसान भाईयों मिट्टी की जांच या (परीक्षण) करना अति आवश्यक है। जिस प्रकार मनुष्य जब बीमार होता है। तो अपनी शरीर की पूर्ण जांच करवाते हैं। उससे यह पता चलता है कि हमारे शरीर में किस तत्व की कमी या कौन सी बीमारी है। उसी प्रकार खेत की मिट्टी की जांच से पता चलता है। हमारे खेतों को कौन-कौन सी तत्वों की कमी है या कौन सा तत्व की मात्रा जमीन में अधिक है। प्रत्येत किसान चाहता है, कि उसकी फसलों का उत्पादन अधिक से अधिक हो एवं लागत कम हो। परन्तु वर्तमान कृषि में वर्ष प्रतिवर्ष लागत बढ़ती जा रही है। एवं उत्पादन लगातार कम होता जा रहा है। इसका प्रमुख कारण विभिन्न प्रकार के रसायनिक खादों का असंतुलित प्रयोग से आज हमारे खेतों में उर्वरक शक्ति लगातार कम होती जा रही है। और हमारी जमीन कठोर एवं बंजर होती जा रही है। जो खेत पहले हम हल चलाकर फसल बो लेते थे। आज वही खेत इतने कड़क व कठोर हो गए है कि हमें ट्रेक्टर से भी जुताई में कठिनाई हो रही है। अतः मिट्टी की जांच करवाना बहुत ही आवश्यक है। जिससे हम अपने खेतों (जमीन) की मिट्टी जांच कराये और बंजरता से बचाएं एवं उन्हें पुनः उर्वरक शक्ति से भरपुर बनाएं। मिट्टी जांच से पता लगने पर हम खेत में वहीं तत्वों को डालेंगे, जिससे उस तत्व की पूर्ति हो जाएगी। और हमारी फसल की अच्छी उपज होगी। और हमें लागत भी कम लगेंगी, यह किसानों की फसल उपज और समस्त लाभ को बढ़ावा देने का अच्छा तरीका है। यह कि किसान भाईयों मिट्टी परीक्षण के कम से कम 14 मापदंडों का परीक्षण करना आवश्यक है। जिससे 100 फसलों या इससे अधिक फसलों के उर्वरक खुराको की मिट्टी जांच से किसानों को पता चलता है। से 100 फसलों या इससे अधिक फसलों के उर्वरक खुराको की मिट्टी जांच से किसानों को पता चलता है।
RPG डिजिटल मिट्टी परिक्षण प्रयोगषाला
मिट्टी परिक्षण जांच के फायदे करता है।
1. मिट्टी परीक्षण से फसल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
2. मिट्टी परीक्षण से फसलों की उपज बढ़ाने में मदद करता है।
3. मिट्टी परीक्षण से मिट्टी को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
4. मिट्टी परीक्षण से किसानों के खर्च को कम करने में मदद करता है।
5. मिट्टी परीक्षण से उर्वरकों में अनावश्यक खर्च को कम करता है।
6. मिट्टी परीक्षण से किसानों के मुनाफे को बढ़ाने में मदद करता है।
7. मिट्टी परीक्षण से में जनित ज्यादा खाद पानी देने से बिमारी आती है।
8. मिट्टी परीक्षण से संतुलित उर्वक प्रबंध द्वारा कम लागत पर ज्यादा मुनाफा हेतु।
9. मिट्टी परीक्षण से मिट्टी में उपलब्ध तत्वों की मात्रा जानने के लिए आवश्यक है।
10. मिट्टी परिक्षण के आधार से उर्वरकों का संक्षिप्त मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।
प्रमुख विशेषताएं:-
1. मिट्टी के 14 मानकों की जांच होती है। 2. मिट्टी में 100 फसलों के लिए उर्वरक शिफारिश दी जाती है। 3. मिट्टी स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड प्रिंट करके दिया जाता है। 4. मिट्टी स्वास्थ्य रिपोर्ट मोबाईल पर भेजी जाती है। 5. हमारे द्वारा मिट्टी परिक्षण हेतु मिट्टी किसान के खेत पर आकर मिट्टी सेम्पल ली जाती है।
हमारे यहां निम्न 14 मानकों पर मिट्टी परिक्षण होता है।
1. जैविक कार्बन (OC)
2. उपलब्ध नाइट्रोजन (N)
3. उपलब्ध फास्फोरस (P)
4. उपलब्ध पोटेषियम (K)
5. उपलब्ध काॅपर (CU)
6. उपलब्ध जिंक (ZN)
7. सल्फर (S)
8. बोरोन (B)
9. आयरन (FE)
10. मैंगनीज (MN)
11. विद्युत चालक (EC)
12. पीएच (PH)
13. अम्लीय मिट्टी के लिए चुना आवष्यकता परीक्षण
14. क्षारीय मिट्टी के लिए जिप्सम आवष्यकता परीक्षण
खेत से मृदा नमूना लेने की विधि
1. जिस स्थान से मृदा नमूना एकत्र करना है उसमें आठ से दस स्थानों पर 6 ईंच लम्बा, 4 ईंच चैड़ा, 6 ईंच गड्ढा खोद लें।
2. खुरपी से उस गड्ढे की दीवार से लगभग 2.5 से.मी. परत ऊपर से नीचे की ओर लें।
3. खेत के विभिन्न गड्ढों से प्राप्त मिट्टी को साफ कपड़े/कागज बर्तन में डालकर अच्छी तरह मिला लें। अब मिट्टी को ढ़ेर बना लें तथा उसके चार भाग कर लें। आमने सामने के दो भाग फेक दें एवं दो भाग फिर अच्छी तरह से मिलाएं। पुनः ढ़ेर बनाकर उक्त प्रक्रिया को दोहराएं। यह प्रक्रिया तब तक करें जब मिट्टी आधा किलो/500 ग्राम रह जाए। मिट्टी साफ थैली में भर दें।
4. अब दो लेबिल लें। उन पर कृषक का नाम, ग्राम का नाम, खेत की पहचान, खाता संख्या, प्लाट संख्या एवं रकबा, खसरा सं0 (क्षेत्रफल) भूखण्ड विकास खण्ड का नाम, तहसील का नाम आदि अवश्य लिख दें। एक लेबिल थैली के अन्दर एवं एक थैली के ऊपर बांध दें। मृदा नमूना भेजते समय यह भी अंकित करना आवश्यक है कि खेत में कौन सी फसल ली जानी है, ताकि उसी के अनुसार उर्वरक की संस्तुति की जा सके।
5. यदि मिट्टी गिली हो तो उसे छाया में सुखा कर थैली में भरना चाहिए।
मिट्टी सेम्पल लेने के तरीके
1. जिस यंत्र से सेम्पल ले रहे हैं, उस पर जंग नहीं लगा होना चाहिए।
2. छोटी फसल के लिए 0 से 15 सेमी. तक गहराई होनी चाहिए।
3. पेड़ पौधों के लिए गहराई 1 मीटर होनी चाहिए।
मिट्टी के नमूने लेते समय ध्यान रखने वाली बातें
1. गिली मिट्टी सेम्पल के लिए नहीं लेनी है।
2. पेड़ के नीचे से मिट्टी नहीं लेनी है।
3. खेत के मेढ़ या कोने से मिट्टी नहीं लेनी है।
4. खेत में जहां गोबर का खाद जमा करते हैं। वहां से मिट्टी नहीं लेनी है।
5. खेत में पानी की जमाव वाली जगह से मिट्टी नहीं लेनी है।